चक्रवाती तूफान फानी ओडिशा की तट की तरफ बढ़ रहा है। वैसे समाचार है कि फानी ने गति पकड़ ली है व इसकी गति बढ़कर 23 किलोमीटर प्रति घंटा हो चली है। फानी के शुक्रवार दोपहर तक ओडिशा के तट से टकराने की आसार थी, लेकिन अब अनुमान लगाया जा रहा है कि यह प्रातः काल 8-10 बजे के बीच पुरी के शहर गोपालपुर पहुंच सकता है। चक्रवात से ओडिशा के अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के भी प्रभावित होने की आसार है।
चक्रवाती तूफान फानी की चपेट में ओडिशा की गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर व बालासोर सहित ओडिशा के कई तटीय जिले आ सकते हैं।पश्चिम बंगाल के पूर्वी व पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिणी व उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम व कोलकाता जिलों के साथ ही आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम व विजयनगरम जिलों के भी इससे प्रभावित होने की संभावना है ।
फानी की वजह से ओडिशा के अनुमानित तौर पर 10,000 गांव व 52 शहर प्रभावित होंगे । प्रदेश सरकार ने गुरुवार को 15 जिलों में निचले इलाकों से 11 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया । चक्रवात के कारण कई तटीय इलाकों में गुरुवार शाम से भारी बारिश हो रही है । मौसम विभाग के अनुसार फानी की अधिकतम गति 175 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे का आसपास रहेगी, जो 205 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है ।
रेल और वायु सेवा बाधित
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जानकारी दी कि गुरुवार मध्य रात्रि से भुवनेश्वर से उड़ानों का परिचालन अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा । शुक्रवार प्रातः काल से भुवनेश्वर-कोलकाता एयरपोर्ट भी बंद है । रेलवे ने ओडिशा से ट्रेनों की आवाजाही भी अस्थायी रूप से रोक रखी है ।
रेलवे ने गुरुवार को बोला कि चक्रवात फानी के चलते कोलकाता-चेन्नई रूट पर ओडिशा तटरेखा की करीब 223 ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए तीन विशेष ट्रेन सेवा में लगाई गई हैं । जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है उनमें 140 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 83 पैसेंजन ट्रेनें शामिल हैं । नौ ट्रेनों का मार्ग बदला गया है जबकि चार अन्य की यात्रा गंतव्य से पहले खत्म कर दी गई है ।
भारतीय मौसम विभाग ने आगाह करते हुए बोला कि लगभग 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहर उत्पन्न होने की प्रबल संभावना है, जिससे तटीय क्षेत्र से तूफान के टकराने के समय ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी व जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है ।
अलर्ट पर प्रशासन
प्रशासन ने लोगों को जन संबोधन प्रणाली, एसएमएस व लोकल मीडिया के जरिए चक्रवात से अवगत कराने के बंदोवस्त किए गए हैं । किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ व ओडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है । कैबिनेट सचिव ने गुरुवार को चक्रवाती तूफान से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राज्यों व केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की । इसके बाद असुरक्षित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पहुंचाने व आवश्यक खाद्य पदार्थों, पेयजल एवं दवाओं का बंदोवस्त करने के आदेश दिए गए हैं ।
कैबिनेट सचिव ने आम जनता के लिए एक केन्द्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन प्रारम्भ करने का आदेश दिया है । उन्होंने केन्द्रीय मंत्रालयों से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को बोला है, ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में समुचित समन्वय स्थापित किया जा सके । भारतीय तट रक्षक बल व भारतीय नौसेना ने राहत एवं बचाव काम के लिए पोतों तथा हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है जबकि इंडियन आर्मी व भारतीय वायु सेना को तीन राज्यों में तैयार रहने को बोला गया है ।